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कभी इकबाल बनकर सारे जहाँ से अच्छा गाते हों, कभी ब

कभी इकबाल बनकर सारे जहाँ से अच्छा गाते हों, 
कभी बिस्मिल बनकर सरफ़रोशी की तमन्ना बताते हों।
कभी सुभद्रा बनके झाँसी की रानी की कहानी सुनाते हो,
हे कवी! कितने रूप हैं तुम्हारे,
कभी कोशिश करने वालो के लिए कवी बच्चन बन जाते हो। #Nojoto#NojotoHindi#kaviRoop#Hindipoetry
कभी इकबाल बनकर सारे जहाँ से अच्छा गाते हों, 
कभी बिस्मिल बनकर सरफ़रोशी की तमन्ना बताते हों।
कभी सुभद्रा बनके झाँसी की रानी की कहानी सुनाते हो,
हे कवी! कितने रूप हैं तुम्हारे,
कभी कोशिश करने वालो के लिए कवी बच्चन बन जाते हो। #Nojoto#NojotoHindi#kaviRoop#Hindipoetry