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ज़िन्दगी सिसकी से शुरू होकर " हिचकी पर ख़त्म हो जा

ज़िन्दगी सिसकी से शुरू होकर " हिचकी पर ख़त्म हो जाने वाला एक मुख़्तसर तरीन अमल है " जो शुरू मिट्टी के ऊपर होता है !
लेकिन ख़त्म हमेशा मिट्टी के निचे होता है ख़ाक से बने इंसान को तब तक समझ नहीं आती जब तक ख़ाक की ख़ुराक नहीं हो जाता ।

©Jeet Chouhan #Eid-e-milad
ज़िन्दगी सिसकी से शुरू होकर " हिचकी पर ख़त्म हो जाने वाला एक मुख़्तसर तरीन अमल है " जो शुरू मिट्टी के ऊपर होता है !
लेकिन ख़त्म हमेशा मिट्टी के निचे होता है ख़ाक से बने इंसान को तब तक समझ नहीं आती जब तक ख़ाक की ख़ुराक नहीं हो जाता ।

©Jeet Chouhan #Eid-e-milad
jeetchouhan7799

Jeet Chouhan

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