रोशिनी सच कहूं तो अब ये वजूद मेरा, किसी का सिंदूर बनने की ओर है। बस यही एक मेरी मज़बूरी है, जो मैंने तोड़ी ये दिल की डोर है। एक ओर खड़ी हैं तेरी यादें, एक ओर नसीबों का ये जोर है। मेरे मन में आज भी तेरी हलचल है, तेरी यादों का आज भी एक ठौर है। तुम आज भी हो मनमीत मेरी, पर नसीबों में मेरे कोई और है। Nothing is left to be Explained. सच कहूं तो अब ये वजूद मेरा, किसी का सिंदूर बनने की ओर है। बस यही एक मेरी मज़बूरी है, जो मैंने तोड़ी ये दिल की डोर है। एक ओर खड़ी हैं तेरी यादें, एक ओर नसीबों का ये जोर है। मेरे मन में आज भी तेरी हलचल है,