अब परेशानी नहीं होती कुछ बातें साफ हुई सी अब तेरे साथ अंगारों पे भी चलने में किसी से डगमगा के डोल जाऊं ऐसी अब किसी और को अपनाऊं ऐसी मेरी फितरत में ज़ुबानी नही होती मौका है कि माफीनामे सी कज़ा हो जाएगी, अगर तुझ बिन जिऊँ तो मेरे होने की कहानी नहीं होती पैर परूँ तोरे गगरी मटके की जल पीयूं सूखी दो रोटी तेरे ही संग खा जीवन में चाहत और मेरी कुछ सुहानी नही होती अब हैरानी नहीं होती... #हैरानीनहींहोती #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi