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क्यूं रूठी तुम,क्यूं छूटी तुम। न समझा मैं,न समझी त

क्यूं रूठी तुम,क्यूं छूटी तुम।
न समझा मैं,न समझी तुम।
हो के हमदम, संग थे हरदम।
आया सावन पर सूखे हम।
मै डाल–डाल ,तुम पात–पात,
थी कौन वजह, के चूकी तुम।।

अर्घ्य दे रही  हैं  आंखें हरपल।
लम्हों में सिमट रही हैं सांसें हरपल।
जो की थी वादें ,वो बन के यादें,
करती हैं अक्सर मेरी तनहा रातें।
एहसासों मे हो क्यों फिर शामिल तुम,
क्यों रूठी तुम,क्यों छूटी तुम,
न समझा मैं न समझी तुम।।

©$ubha$"शुभ" #क्यों_छूटी_तुम#love#ForYou

#Hopeless  Preeti komal sindhe. Anwesha Rath Alfaz dil ke ❤️✍️ Priyanka Yadav
क्यूं रूठी तुम,क्यूं छूटी तुम।
न समझा मैं,न समझी तुम।
हो के हमदम, संग थे हरदम।
आया सावन पर सूखे हम।
मै डाल–डाल ,तुम पात–पात,
थी कौन वजह, के चूकी तुम।।

अर्घ्य दे रही  हैं  आंखें हरपल।
लम्हों में सिमट रही हैं सांसें हरपल।
जो की थी वादें ,वो बन के यादें,
करती हैं अक्सर मेरी तनहा रातें।
एहसासों मे हो क्यों फिर शामिल तुम,
क्यों रूठी तुम,क्यों छूटी तुम,
न समझा मैं न समझी तुम।।

©$ubha$"शुभ" #क्यों_छूटी_तुम#love#ForYou

#Hopeless  Preeti komal sindhe. Anwesha Rath Alfaz dil ke ❤️✍️ Priyanka Yadav