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इस दौर में डोर से छुटी है, मगर वक़्त वही है जो कल थ

इस दौर में डोर से छुटी है,
मगर वक़्त वही है जो कल था और कल होगा,
अनमोल है ये एहसास है ।
मगर कोशिश रहती है कि बराबर सी ये चले हमेशा ।
हर अंदाज़ में हर किसी के लिए ये अलग सी है।
कुछ हिसाब न लगाते हुए हिसाब कर जाते हैं,
कुछ हिसाब कर के कुछ हिसाब नहीं लगा पाते हैं ।
ज़िन्दगी दिलकश सी भी है और कश्मकश भी,
मगर फिर भी जब ये दो अलग संयोग से एक है
तो एक होकर ये,
इस दौर से यही छूटी हुई फिर बंध जाती है । सुप्रभात।
एक सुंदर #collab Aesthetic Thoughts की ओर से।
#वक़्तकीक़ीमत #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
इस दौर में डोर से छुटी है,
मगर वक़्त वही है जो कल था और कल होगा,
अनमोल है ये एहसास है ।
मगर कोशिश रहती है कि बराबर सी ये चले हमेशा ।
हर अंदाज़ में हर किसी के लिए ये अलग सी है।
कुछ हिसाब न लगाते हुए हिसाब कर जाते हैं,
कुछ हिसाब कर के कुछ हिसाब नहीं लगा पाते हैं ।
ज़िन्दगी दिलकश सी भी है और कश्मकश भी,
मगर फिर भी जब ये दो अलग संयोग से एक है
तो एक होकर ये,
इस दौर से यही छूटी हुई फिर बंध जाती है । सुप्रभात।
एक सुंदर #collab Aesthetic Thoughts की ओर से।
#वक़्तकीक़ीमत #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
madhav1592369316404

Madhav Jha

New Creator