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गम़ को जो अब्र कर के उड़ाया करते थे। उन की आँखों मे

गम़ को जो अब्र कर के उड़ाया करते थे।
उन की आँखों में भी वेदना को देखा है।
एक उम्र बाद फिर हम ने पलकों के बांधों
को अश्कों से ढहते देखा है।
---©सुमीर भाटी गम़ को जो अब्र कर के उड़ाया करते थे।
उन की आँखों में भी वेदना को देखा है।
एक उम्र बाद फिर हम ने पलकों के बांधों
को अश्कों से ढहते देखा है।
---©सुमीर भाटी
गम़ को जो अब्र कर के उड़ाया करते थे।
उन की आँखों में भी वेदना को देखा है।
एक उम्र बाद फिर हम ने पलकों के बांधों
को अश्कों से ढहते देखा है।
---©सुमीर भाटी गम़ को जो अब्र कर के उड़ाया करते थे।
उन की आँखों में भी वेदना को देखा है।
एक उम्र बाद फिर हम ने पलकों के बांधों
को अश्कों से ढहते देखा है।
---©सुमीर भाटी
sumeerbhati8784

Sumeer Bhati

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