वो ज़हन में बसती है मेरे, और मेरे दिल में रहती है वो............ तुम महफ़िल में तारीफ़ न करो, हमसे ये अक्सर कहती है वो........... वो मुझमे कुछ ऐसे समायी है, कि मेरी रगों में दौड़ती है वो............ फिज़ाओं के साथ आज-कल, मेरे अश्कों के साथ बहती है वो........ ©Poet Maddy वो ज़हन में बसती है मेरे, और मेरे दिल में रहती है वो............ #Live#Mind#Heart#Publicly#Present#Run#Veins#Passion#Tears........