रात अंधियारी सी और उसकी झिलमिलाती सी नजर , जान ले लेगी ये कातिल मुस्कुराती सी नजर । आज मैंने अपने दिल के साज़ को छेड़ा ही था, उठ गई मेरी तरफ एक गुनगुनाती सी नज़र ।। मदमस्त शायरी