Nojoto: Largest Storytelling Platform

बस उठ रहा है धुआं वहीं से जहां गद्दार इकट्ठे हैं य

बस उठ रहा है धुआं वहीं से जहां गद्दार इकट्ठे हैं यकीं ना होतो करीब जाकर देखना

©Anand mokhra
  #धुआं_गद्धार #आनन्दमोखरा