"बसाये हैं हमने कितने नाम से शहर, "काम के बिना किस काम के शहर, "रात के अंधेरों में चमकते रहते हैं, "लाखों की भीड़ में बेजान से शहर.... "ना जाने कितनी रौनक समेटे हुए हैं, "आने वालों के लिए अनजान से शहर.... .............. विपिन कुमार #Shahar #Naam #Andhera #Shayari #Nojoto #Poetry