White कभी कभी दिल चाहता है... सब कुछ त्यागकर निकल जाऊँ ... एक अंतहीन सफ़र पर... जहाँ ना किसी मंज़िल की तमन्ना हो... ना रास्तों की उलझन हो... ना किसी से मिलने की ख़ुशी हो... ना बिछोह का डर हो... बस केवल तन्हाई साथी हो... आकाश की चादर हो... घास का बिछौना हो... मन और तन सब वैरागी हो... ना बेवजह का हँसना हो... ना दिल दुखने पर रोना हो... अपने अंतर्मन को खँगालते हुए, हर पल बस ख़ुद के साथ हो...!!! ©Rishi Ranjan poetry quotes hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi poetry lovers