हर वह इंसान मसीहा है जो स्वार्थ छोड़ पर परमार्थ की राह अपनाता है मसीहा ही होता हे जो अपने दुःख-दर्द भुलाकर दूसरों के काम आता है। मांगने वाले की लिए उसकी मांग पूरी करने वाला ही मसीहा बन जाता है, मसीहा एहसान करके भूल जाता है कभी भी उससे एहसान नहीं जताता है। मसीहा का कोई एक रंग रूप नहीं होता वह किसी भी रूप में आ सकता है, सच्चाई की राह पर चलने वाले को सही राह बताने कोई मसीहा आ जाता है। A challenge by Collab Zone🌟 ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं । ✔️समय - ४ फरवरी शाम ५ बजे तक ✔️प्रतियोगिता में भाग लेना ना भूलिए टॉप ३ विजेताओं को testimonial दिया जाएगा ।