"मोह को मूर्ख प्रेम कहे प्रेम को ज्ञानी धर्म पाप में मूर्ख लीन सदा ज्ञानी करे पूण्य कर्म" "ज्ञान कभी ब्यर्थ न होय अज्ञान न समझे मर्म अधर्म की सेवा स्वार्थ करे नयन करे त्याग शर्म" "बल की मांग अबोध को भाये निर्बल सदा है चर्म बुद्धि से प्राणी बलवान होय तन हो चाहे नर्म" #conclusion of #life #प्राणीजगत #मर्म #कर्म #धर्म #ज्ञान #paidstory