#OpenPoetry धन्य है तेरा धरा पे आना तेरे एक बाण से सागर सूख जाता तेरे एक बाण से आसमान टूट जाता धन्य है मदद मांगने बानरो से जाना धन्य है तेरा धरा पे आना तेरी गोद में दुनिया खेलती है तेरे इशारे पर दूनिया डोलती है धन्य है पुत्र खुद को कहाना धन्य है तेरा धरा पे आना चक्रवर्ती होके सुदामा को तू भूलता नहीं कौन क्या कहेगा तू सोचता नहीं धन्य है तेरा दोस्ताना धन्य है तेरा धरा पे आना धन्य है तेरा धरा पे आना