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जीवन की यात्रा रास्ता था लम्बा हम खड़े किनारे हम

 जीवन की यात्रा

रास्ता था लम्बा हम खड़े किनारे
हम चलें रास्ता चला हो बेसहारे।
रुका हुआ अम्बर देख रहा  
जमी पे चल रहे ये खुद को सम्हाले।
हर कोई एक दूसरे को नहीं जानते
पर पथिक के नाम मिली पहचानें।
जानें पहचाने के इस चक्कर में
थक रहे हम सारे के सारे।
लक्ष्य एक ही अंतिम मंजिल तक
अब चाहे जिंदा बचे या जाएं मारे।
परिश्रम और प्रयास के द्वंद में
चलो टूट पड़े हम सारे के सारे।
बनारसी नहीं चाहता इस खेल में
बिन अंतिम प्रयास हम सब जाएं मारे।
लड़ो! उठो! बस चलते रहो
तोड़ डालो! किस्मत की ये दीवारें।

©Banarasi..
   जीवन की यात्रा

रास्ता था लम्बा हम खड़े किनारे
हम चलें रास्ता चला हो बेसहारे।
रुका हुआ अम्बर देख रहा  
जमी पे चल रहे ये खुद को सम्हाले।
हर कोई एक दूसरे को नहीं जानते
पर पथिक के नाम मिली पहचानें।
jaymahakaal8640

Banarasi..

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जीवन की यात्रा रास्ता था लम्बा हम खड़े किनारे हम चलें रास्ता चला हो बेसहारे। रुका हुआ अम्बर देख रहा जमी पे चल रहे ये खुद को सम्हाले। हर कोई एक दूसरे को नहीं जानते पर पथिक के नाम मिली पहचानें। #Poetry #safar #LongRoad

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