ख़ुशी और ग़म खुशी के बदले हमें गम मिलें तुम से उम्मीद थी मरहम मिलें लेकिन तुमने मुझे जख्म दिये क्या ऐसे तोहफे कभी कम मिलें तुम्हारे बाद ऐ दिन कैसे बीते क्या हारे हम और क्या जीते