Nojoto: Largest Storytelling Platform

White स्त्री पैंट पहनकर भी स्त्री ही रहती है परंत

White  स्त्री पैंट पहनकर भी स्त्री ही रहती है
परंतु पुरुष साड़ी पहनकर पुरुषत्व खो देता है
पुरुष हर वक्त एक संघर्ष का सामना करने के लिए तैयार रहता है
समाज हमेशा से पुरुष के साथ न्यायसंगत नहीं रहा।
पुरुष कोमल नहीं हो सकता
अपने भावों की अभिव्यक्ति नहीं कर सकता, 
डर नहीं सकता,
रो नहीं सकता 
पुरुष हीरा है जो अँधेरे में भी अपने आप चमकता है इसलिए उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती। 
पुरुष का श्रृंगार स्वयं प्रकृति ने किया है


✒️नीलेश सिंह

©Nilesh #InternationalMensDay
White  स्त्री पैंट पहनकर भी स्त्री ही रहती है
परंतु पुरुष साड़ी पहनकर पुरुषत्व खो देता है
पुरुष हर वक्त एक संघर्ष का सामना करने के लिए तैयार रहता है
समाज हमेशा से पुरुष के साथ न्यायसंगत नहीं रहा।
पुरुष कोमल नहीं हो सकता
अपने भावों की अभिव्यक्ति नहीं कर सकता, 
डर नहीं सकता,
रो नहीं सकता 
पुरुष हीरा है जो अँधेरे में भी अपने आप चमकता है इसलिए उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती। 
पुरुष का श्रृंगार स्वयं प्रकृति ने किया है


✒️नीलेश सिंह

©Nilesh #InternationalMensDay
nilesh9305510989270

Nilesh Singh

New Creator
streak icon1