दूर थी मंज़िल। मगर मंज़िल से दूर हम ना थे। लंबे थे रास्ते। मगर तन्हा हम ना थे। चलते रहे तेरा हाथ थाम कर। दुश्मनो ने रोका बोहत। मगर हम भी किसीसे कम ना थे। #manzil #enemy #friends #love