फर्श से उठकर चमका था बुलंदी का सितारा जिसका, विलीन होकर पंचतत्व में वो सितारा अर्श से जा मिला। हर किरदार को उन्होंने चित्र पटल पर बखूबी जीवंत किया, दु:खद भूमिकाओं के कारण ट्रेजडी किंग का खिताब मिला। दादा साहब फाल्के के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए आठ बार फिल्म फेयर अवार्ड मिला। सुप्रभात, 🌼🌼🌼🌼 अर्श - सर्वोच्च स्थान, आकाश। 🌼आज का हमारा विषय "सितारा अर्श से जा मिला", यह विषय भारतीय फ़िल्मों के सिनेमा-ए-आज़म स्व श्री दिलीप कुमार जी को श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित है। उनके जाने से भारतीय सिनेमा जगत को बहुत बड़ी हानि हुई है,