नारी पे जिसने भी कुदृष्टि डाली है, उसने अपने घर को आग लगा ली है, रावण हो दुर्योधन सिद्ध योगी या बाबा, सब ने जीते जी अपनी अर्थी निकाली है। नारी पूज्नीय ये आदि शक्ति का अंश है, नारी के दम से तो आगे बढ़ता वंश है, मां बहन बेटी बन बांटती ममता प्यार, दुखी हो चंडी बन कभी करती विध्वंश है। "रैना" नारी का जिसने भी मान बढ़ाया है, उसने हर क्षेत्र में अव्वल रुतबा पाया है, पुरुष प्रधान समाज इतना समझता नही है, ये विश्व आदि शक्ति मां नारी की काया माया है रैना ©Rajinder Raina कुदृष्टि डाली है #droplets