चित्त मेरा परेशान है कान्हा, दोहरा रहा है बार-बार तुम्हारी स्मृतियों को जो हैं मेरे जीवन का एकमात्र आधार। अंत घड़ी में जब मिलने आऊँ, तब मन न रखना शोक का। मुरली की धुन से विदा करना, मार्ग बतलाना गोलोक का! तुम ही प्रियवर हो मेरे, तुम मान और सम्मान हो। अज्ञान दुर करो सबका, तुम हीं एकमात्र ज्ञान हो। मुस्कान अपनी खोना मत, इसमे मेरा हर्ष बसता है। तुम्हारी मुस्कान में खोना हीं तो आनंद का एकमात्र रस्ता है। -मुस्कान #RadhaKrishna #Love #Poetry #hindi_poetry #write