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ख़ुद से ही हारा हूं मैं ज़िन्दगी क्या मुझे हराएगी

ख़ुद से ही हारा हूं मैं 
ज़िन्दगी क्या मुझे हराएगी 
समुद्रों से लडने का ख़्वाब था 
अब तो लगता है, आबशारें ही बहा ले जाएंगी 
अत्फ भी नहीं आती इस जीस्त को
अ़फसुर्दगी की वज़ह भी नहीं पूछता 
हाफ़िजा मिट गई है 
अब सिर्फ जीवन में तारीक ही है बचा !

ये दिल का बच्चा यूं रोए जैसे खिलौने इसके किसी ने छीन लिए 
अब कौन समझाए इसको दिल के असबाब मैंने बाजारों में बेच दिए 
उसकी यादें क्यों सताए जिसका हुआ ही ना मैं कभी 
दिल की कश्ती उसकी की जजीरे में डूबी जहां रहते थे मैं और उसकी यादें सभी ...
आफताब भी ढल गया , बादले भी छिप गई , अब कौन बुझाए इस आग को ...
ये आग पानी से ना बुझे बादा ही बुझाए इस प्यास को 
सच कहा किसी ने मोहबब्त ना करना 
दिल टूटता है,
तुम्हारे लंबे - लंबे कसीदे उसकी Hmm पे जाके छूटता है!
खैर ये Digitally इश्क़ हमने ना किया 
हमारा प्यार किताबों वाला था 
ख़्वाब में मैं उसका दूल्हा बनने वाला था 
खैर ख़्वाब थे तो झूटने ही थे 
दिल के दीवार थे Ambuja Cement के थोड़ी थे , तो झोकों से टूटनें ही थे 
खुद से तो अब हार गया 
ज़िन्दगी क्या मुझे हराएगी
समुद्रों से लडने का ख़्वाब था 
अब तो लगता है ,  आबशारें ही बहा ले जाएंगी

#गौरव उद्विग्न हार गया
ख़ुद से ही हारा हूं मैं 
ज़िन्दगी क्या मुझे हराएगी 
समुद्रों से लडने का ख़्वाब था 
अब तो लगता है, आबशारें ही बहा ले जाएंगी 
अत्फ भी नहीं आती इस जीस्त को
अ़फसुर्दगी की वज़ह भी नहीं पूछता 
हाफ़िजा मिट गई है 
अब सिर्फ जीवन में तारीक ही है बचा !

ये दिल का बच्चा यूं रोए जैसे खिलौने इसके किसी ने छीन लिए 
अब कौन समझाए इसको दिल के असबाब मैंने बाजारों में बेच दिए 
उसकी यादें क्यों सताए जिसका हुआ ही ना मैं कभी 
दिल की कश्ती उसकी की जजीरे में डूबी जहां रहते थे मैं और उसकी यादें सभी ...
आफताब भी ढल गया , बादले भी छिप गई , अब कौन बुझाए इस आग को ...
ये आग पानी से ना बुझे बादा ही बुझाए इस प्यास को 
सच कहा किसी ने मोहबब्त ना करना 
दिल टूटता है,
तुम्हारे लंबे - लंबे कसीदे उसकी Hmm पे जाके छूटता है!
खैर ये Digitally इश्क़ हमने ना किया 
हमारा प्यार किताबों वाला था 
ख़्वाब में मैं उसका दूल्हा बनने वाला था 
खैर ख़्वाब थे तो झूटने ही थे 
दिल के दीवार थे Ambuja Cement के थोड़ी थे , तो झोकों से टूटनें ही थे 
खुद से तो अब हार गया 
ज़िन्दगी क्या मुझे हराएगी
समुद्रों से लडने का ख़्वाब था 
अब तो लगता है ,  आबशारें ही बहा ले जाएंगी

#गौरव उद्विग्न हार गया