मेरी आशाएं जंजाल बनी, मेरे धैर्य को हिमछाल दूंगा.. हैं विपत्ति शमशान बनी, शमशान से नवजीवन ढाल लूंगा थरथराते चलकदमों से मैं, शिखरों का दामन संभाल लूंगा.. जो चला गया सो चला गया, मोती और भी हैं निकाल लूंगा.! ©shivam chandra #Expections #उम्मीद #lonely #लव #nojohindi #हिंदी #Hindi