बारिश में भीगता वो पल याद आया भुट्टो कि गरमाहट का मौसम लौट आया चले थे शहर से कुछ दूर वादियों से मिलने बाइक कि रफ़्तार और तेरा हाथ कमर कस आया बादलो के उपर ये बारिश कहा से आई तपन से पहले हि सुलग़ती आग बुझाई तुम्हारा रूठ जाना पल्लू से पानी का गिराना आज लाया हू कार छोटी है मगर बारिश को छू भी लोगी ,सर भीगेगा नहीं सफर लम्बा भी होगा और भुट्टों से नींबू टपकेगा नहीं तुम्हारा रूठ जाना समझ नहीं आता प्रिये लंबी कार से ही होगा सपना साकार भाता ना प्रिये वो तुम्हारा पकड़ना बाइक पे पीछे से याद आता है दिल मैं मुझे अपने जहाजों का काफ़िला नजर आता है तेरी नज़र झुके तो क़ायनात ले आउ कम्बख्त झुक के जो उठे नज़र तभी तो चाँद नजर आता है #khwahish #ruthna #goldenheart