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✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरी कलम द्वारा स्वरचित म

✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️

मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता 

            विषय -  "कर्मफल"

कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर 
अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर 
जख्म को उसके कुरेद कर तू- मरहम की आस ना कर 
गुनाहों की बखशीश मांग -उससे रहम की फ़रियाद कर -1

तुझे पता है की तूने इम्तिहान में क्या लिखा है 
प्रश्न पत्र कठिन था -समय कम था -पढ़े हुए से बाहर का आया था 
ये दर्शा कर तू अपनों को नहीं अपने आपको धोखा दे रहा है 
तुझे अच्छी तरह पता है परिणाम का -2

एक बात और ये कर्मफल केवल इस जन्म के नहीं 
ना जाने कितने जन्मों के संचित हैं 
इसलिए उस परमपिता से धन दौलत ऐश्वर्य नहीं 
सब जन्मों के जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांग -3

ये मत समझ की कोई देख नहीं रहा 
उस मालिक के सी सी टीवी कैमरे 
जमीन  से आसमान तक 
अँधेरे से उजाले तक 
सूर्य से चंद्र तक सब देख रहे हैं -4

करोड़ों अरबों की भीड़ में भी तेरे दुष्कर्म या सत्क्रम 
तुझे ढून्ढ निकालेंगे 
ये कर्मफल वो बीज है जो या तो घनी छाँव देगा  या देगा तपती धूप 
ना दे दोष उसको क्यूंकि ये हैं तेरे कर्मों का फल 
तेरा और केवल तेरा कर्मफल -कर्मफल -5

इसलिए लेना नहीं देना सीख 
इसलिए अकड़ना नहीं झुकना सीख 
इसलिए दान कर पुण्य कर सत्कर्म कर 
क्यूंकि इसी धरती पर है तेरे कर्मों का 
स्वर्गफल और नरकफल 
तेरा कर्मफल -कर्मफल -कर्मफल -6

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!
🌹सुप्रभात🙏 
स्वरचित एवं स्वमौलिक 
"🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱
जयपुर-राजस्थान
https://youtu.be/RzvAfFYAQmc

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️

मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता 

            विषय -  "कर्मफल"

कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर 
अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️

मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता 

            विषय -  "कर्मफल"

कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर 
अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर 
जख्म को उसके कुरेद कर तू- मरहम की आस ना कर 
गुनाहों की बखशीश मांग -उससे रहम की फ़रियाद कर -1

तुझे पता है की तूने इम्तिहान में क्या लिखा है 
प्रश्न पत्र कठिन था -समय कम था -पढ़े हुए से बाहर का आया था 
ये दर्शा कर तू अपनों को नहीं अपने आपको धोखा दे रहा है 
तुझे अच्छी तरह पता है परिणाम का -2

एक बात और ये कर्मफल केवल इस जन्म के नहीं 
ना जाने कितने जन्मों के संचित हैं 
इसलिए उस परमपिता से धन दौलत ऐश्वर्य नहीं 
सब जन्मों के जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांग -3

ये मत समझ की कोई देख नहीं रहा 
उस मालिक के सी सी टीवी कैमरे 
जमीन  से आसमान तक 
अँधेरे से उजाले तक 
सूर्य से चंद्र तक सब देख रहे हैं -4

करोड़ों अरबों की भीड़ में भी तेरे दुष्कर्म या सत्क्रम 
तुझे ढून्ढ निकालेंगे 
ये कर्मफल वो बीज है जो या तो घनी छाँव देगा  या देगा तपती धूप 
ना दे दोष उसको क्यूंकि ये हैं तेरे कर्मों का फल 
तेरा और केवल तेरा कर्मफल -कर्मफल -5

इसलिए लेना नहीं देना सीख 
इसलिए अकड़ना नहीं झुकना सीख 
इसलिए दान कर पुण्य कर सत्कर्म कर 
क्यूंकि इसी धरती पर है तेरे कर्मों का 
स्वर्गफल और नरकफल 
तेरा कर्मफल -कर्मफल -कर्मफल -6

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!
🌹सुप्रभात🙏 
स्वरचित एवं स्वमौलिक 
"🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱
जयपुर-राजस्थान
https://youtu.be/RzvAfFYAQmc

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️

मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता 

            विषय -  "कर्मफल"

कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर 
अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर

✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता विषय - "कर्मफल" कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर #Dussehra2021