सूरज न देखे जातपात चांद न देखे रंग जितने तेरे साथ है उतने मेरे संग कोई भी हो मजहब लाल लहू का रंग गोली न देखे सीना किसका होती है जब जंग बारिश भिगोए सबका आंगन निरीह हो या दबंग हवा न करे भेदभाव उड़ाए सबकी पतंग प्रकृति में सब एक से मनुष्य कीट पतंग ।। #nojotohindi#kavita#samta#prakriti#poetry