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यह देश में हो क्या रहा है? जुबान वालों के साथ बेजु

यह देश में हो क्या रहा है? जुबान वालों के साथ बेजुबान जैसा अत्याचार क्यों हो रहा है । 
अब इसका जवाब कौन देगा? औरतों की सुरक्षा का जिम्मा कौन लेगा ।
अब तो गली मोहल्लों में निकलना भी दुश्वार हो गया है , हाल ही में एक खेत में गई हुई लड़की से बलात्कार हो गया है। 
अब उसकी मौत का जिम्मेदार कौन , क्या दस लाख देने से सब सही हो जाएगा ।
वो खुले आकाश जैसा देश कहां गया , क्या जिसने भी ये मिलकर घिनौना  काम किया क्या उसके घर में भी मां बहन नहीं रही होंगी । 
क्या उसके ऊपर से भी दंड का खौफ  मिट गया , अब उस मरी हुई लड़की को इंसाफ कौन देगा ।
कितने सवाल है मन में कितनी आशंका  हैं मन में , इनका निवारण कौन करेगा इस जीवन में  ।
क्या यह मां-बाप की गलती थी जिन्होंने अपने लड़कों को ऐसी शिक्षा दी , या उन लड़कों की जिन्होंने खुद से यह शिक्षा ली । 
अब राजनीतिक पार्टियों का क्या है वह तो एक दूसरे पर छींटाकशी करेंगे ही ,  पर हम  क्या समाज को ऐसा उदाहरण नहीं दे सकते।
जहां आने वाली नस्ल को भी  डर लगे ऐसा कुछ करने का , क्या हम स्वतंत्र भारत में औरतों को स्वतंत्रता से जीने का हक नहीं दे सकते।
निर्भया की मां को 8 साल लगे अपनी लड़ाई लड़ने में , तो अब क्या यही खेल चलता रहेगा ।
सुरक्षा के नाम पर डर दिया जाएगा , यह एक राज्य की एक शहर की बात नहीं है।
जब हम भारत देश को सोने की चिड़िया कहते हैं , तो वैसा माहौल भी दो ।
 डर से नहीं स्वतंत्रता से जीने तो दो। #Stoprape #Stoprape #stoprapeculture #stoprapecases #stoprapeinindia
यह देश में हो क्या रहा है? जुबान वालों के साथ बेजुबान जैसा अत्याचार क्यों हो रहा है । 
अब इसका जवाब कौन देगा? औरतों की सुरक्षा का जिम्मा कौन लेगा ।
अब तो गली मोहल्लों में निकलना भी दुश्वार हो गया है , हाल ही में एक खेत में गई हुई लड़की से बलात्कार हो गया है। 
अब उसकी मौत का जिम्मेदार कौन , क्या दस लाख देने से सब सही हो जाएगा ।
वो खुले आकाश जैसा देश कहां गया , क्या जिसने भी ये मिलकर घिनौना  काम किया क्या उसके घर में भी मां बहन नहीं रही होंगी । 
क्या उसके ऊपर से भी दंड का खौफ  मिट गया , अब उस मरी हुई लड़की को इंसाफ कौन देगा ।
कितने सवाल है मन में कितनी आशंका  हैं मन में , इनका निवारण कौन करेगा इस जीवन में  ।
क्या यह मां-बाप की गलती थी जिन्होंने अपने लड़कों को ऐसी शिक्षा दी , या उन लड़कों की जिन्होंने खुद से यह शिक्षा ली । 
अब राजनीतिक पार्टियों का क्या है वह तो एक दूसरे पर छींटाकशी करेंगे ही ,  पर हम  क्या समाज को ऐसा उदाहरण नहीं दे सकते।
जहां आने वाली नस्ल को भी  डर लगे ऐसा कुछ करने का , क्या हम स्वतंत्र भारत में औरतों को स्वतंत्रता से जीने का हक नहीं दे सकते।
निर्भया की मां को 8 साल लगे अपनी लड़ाई लड़ने में , तो अब क्या यही खेल चलता रहेगा ।
सुरक्षा के नाम पर डर दिया जाएगा , यह एक राज्य की एक शहर की बात नहीं है।
जब हम भारत देश को सोने की चिड़िया कहते हैं , तो वैसा माहौल भी दो ।
 डर से नहीं स्वतंत्रता से जीने तो दो। #Stoprape #Stoprape #stoprapeculture #stoprapecases #stoprapeinindia