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प्रेम के हर पर्व का यूँ मान होना चाहिए, इंसान का इ

प्रेम के हर पर्व का यूँ मान होना चाहिए,
इंसान का इंसान से सम्मान होना चाहिए।

हो मेरी होली या तेरी ईद हो भाई मेरे,
एक दूजे की खुशी का ध्यान होना चाहिए।

हो हरा तन पे या भगवां रंग कोई भी भले,
दिल में सदा अपने तो हिदुस्तान होना चाहिए।

मैं नहीं कहता कि तू खुद को खुदा कर ले यहाँ,
ख़ामियों का अपनी हमको ज्ञान होना चाहिए।

ना कोई जाति में बाटें, ना कोई भी धर्म हो,
इस जगत में 'गोपाल' बस इंसान होना चाहिए।

   कृष्ण गोपाल सोलंकी🙏🏻 सभी भाइयों को प्रणाम💐💐
प्रेम के हर पर्व का यूँ मान होना चाहिए,
इंसान का इंसान से सम्मान होना चाहिए।

हो मेरी होली या तेरी ईद हो भाई मेरे,
एक दूजे की खुशी का ध्यान होना चाहिए।

हो हरा तन पे या भगवां रंग कोई भी भले,
दिल में सदा अपने तो हिदुस्तान होना चाहिए।

मैं नहीं कहता कि तू खुद को खुदा कर ले यहाँ,
ख़ामियों का अपनी हमको ज्ञान होना चाहिए।

ना कोई जाति में बाटें, ना कोई भी धर्म हो,
इस जगत में 'गोपाल' बस इंसान होना चाहिए।

   कृष्ण गोपाल सोलंकी🙏🏻 सभी भाइयों को प्रणाम💐💐