चन्द पेसो का लालच मुझे जला रहा है मुझे मेरा गांव याद आ रहा है। शहर की छत में छाव तो बहुत है !पर गाव के पीपल की छांव की बात ही अलग है। यहाँ गाडीओ का शोर बहुत है कोयल की आवाज सुनने पेड़ बहुत कम है।। उठने के लिए अलार्म घडी है,मुर्गे की बांग कहि खो गयी है। खाने को पिज्जा बर्गर है ,मक्के की रोटी का स्वाद कहि खो गया है। शहरमे पैसा बहुत है प्यार कहि खो गया है । दिल मेरा प्यार को रो रहा है ,मुझे मेरा गांव याद आ रहा है -2 । तुझसे बिछड़ने का गम! नही सह पा रहा हूँ,ये मेरे गाँव मैं वापिस आ रहा हूं.....2😢😢 #MeraShehar