सूरज कब किसी का सगा होता है, रोशनी कब मुट्ठी में कैद रह पाई है। मगर जब खिल उठता है भास्कर, ख़बर तो यही फैलाई जाती है कि मेरी खिड़की पर धूप निकल आई है।। पुरानी छतों से, दिल के ख़तों से। #yqbaba #yqhindi #yqsuraj #yqdidi #सौमित्र