लक्ष्य तय है (अनुशीर्षक में पढ़ें) गद्यांश 1 ललक्ष्य तय है लक्ष्य तय है मेरा नहीं है किसी बात का डर चल चुकी हूँ मैं मंज़िल की ओर परिणाम की मुझको नहीं है फ़िकर