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वक्त दर वक्त हम कमजोर हो रहे हैं। पहले कुछ और थे ,

वक्त दर वक्त हम कमजोर हो रहे हैं।
पहले कुछ और थे ,अब कुछ और हो रहे हैं।
ज़रा संभल के रहना मेरे दोस्त, इन रंगों से भरी दुनिया में ।
जहां तेरे हुस्न के भी रंग अब बेरंग हो रहे हैं ।

©Vivek
  #nightshayari #गहरीबातें