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मैं कहाँ से कहाँ आके पहुँची हूँ , लड़ती रही अकेले

मैं कहाँ से कहाँ आके पहुँची हूँ ,
लड़ती रही अकेले ही जिंदगी के तूफान से 
बार बार गिरने पर भी नहीं रूकी
और मैं आज यहाँ आके खड़ी हूँ, 
के किस्मत ने बहुत खेल खेला 
मुझे ड़रा कर धमकाया 
के लौट जा पीछे तु नहीं चल पाएगी 
ओर कितने नीचे गिर कर तु फिर से ऊपर उठेगी ,
पर मैं एक ना सुनी उसके सुनी तो सिफॆ मेरे दिल के अंदर के आवाज़ को,
जो बार बार बोलती थी कि ड़र के आगे जीत हैं तु चलते रहे तुझे एक दिन पक्का जीत मिलेगी । #मुझकोदेखो #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
मैं कहाँ से कहाँ आके पहुँची हूँ ,
लड़ती रही अकेले ही जिंदगी के तूफान से 
बार बार गिरने पर भी नहीं रूकी
और मैं आज यहाँ आके खड़ी हूँ, 
के किस्मत ने बहुत खेल खेला 
मुझे ड़रा कर धमकाया 
के लौट जा पीछे तु नहीं चल पाएगी 
ओर कितने नीचे गिर कर तु फिर से ऊपर उठेगी ,
पर मैं एक ना सुनी उसके सुनी तो सिफॆ मेरे दिल के अंदर के आवाज़ को,
जो बार बार बोलती थी कि ड़र के आगे जीत हैं तु चलते रहे तुझे एक दिन पक्का जीत मिलेगी । #मुझकोदेखो #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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