चीख़ती है खामोशियाँ,ज़ख्म बेहिसाब है रोशन है अंधेरे मेरे, गम बने आफ़ताब है के बेज़ुबान अब नही है ,दर्द की ये नसीहतें हसरतों से अब हक़ीक़त बन रहे मेरे ख़्वाब है #पारस #ख़्वाब #गम #नसीहतें