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कितने ही रंगो से भरा ये जहान है लेकिन तेरे ही रंग

कितने ही रंगो से भरा ये जहान है
लेकिन तेरे ही रंग में मैं खुद को संजोती हूं

सोचती हूं बनेगा सात रंगों से आशियाना हमारा
तेरे ही खयालों में मैं दिन रात होती हूं

डरती हूं टूट ना जाए ख्वाब मेरा
थोड़ा थोड़ा तुझको खुद में दिन रात पिरोती हूं

करले चाहे तू कितनी ही खुदगर्ज़ी
फिर भी तेरी मर्जी में शामिल हर बार होती हूं #colourful#life
कितने ही रंगो से भरा ये जहान है
लेकिन तेरे ही रंग में मैं खुद को संजोती हूं

सोचती हूं बनेगा सात रंगों से आशियाना हमारा
तेरे ही खयालों में मैं दिन रात होती हूं

डरती हूं टूट ना जाए ख्वाब मेरा
थोड़ा थोड़ा तुझको खुद में दिन रात पिरोती हूं

करले चाहे तू कितनी ही खुदगर्ज़ी
फिर भी तेरी मर्जी में शामिल हर बार होती हूं #colourful#life
dikshusingh8154

Dikshu singh

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