सागर से गहरे थे राज उनके आँखो में पता नही ऐसा क्या बयान करना चाहते थे। शायद कुछ खो गया था उनका जो वह ढूँढना चाहते थे। हालात कुछ हमारे भी वैसे ही थे बस हमे पता था की हमारी खोई हुई चिझ कहा खोई थीं। और उन्हें हमें बताना था आपकी खोई हुई चिझ खोई नही चुराई हमने थी। #कुछ_बाते