इज़्जत भी मजहबी हो गई ग़ुनाह के बाद बोली लग गई कही लाखों, तो कही करोड़ों की हो गई वो फिर बाज़ारू तवायफ़ सी हो गईं #Shayari#2liners#brutalsociaty#pain#kalakash#Nojotohindi