ये दुआ है रब से इश्क़ मेरा कबूल हो जाए दिल में मोहब्बत के फूल खिले अरमान सारे पूरे हो जाएं *तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए जिगर में फूल खिलें आँख शबनमी हो जाए! अजला भी उस की बुलंदी को छू नहीं सकती वो जिंदगी जिसे एहसास-ए-जिंदगी हो जाए! ~ 'क़ाबिल' अजमेरी