मैन सिरहाने के कोनो से, चुपके चुपके हौले हौले, दरवाज़ों के कोनो से, कभी हस्ती कभी मुस्कुराती, वो हल्का सा शर्माती, चाहती मुझसे बातें करना, पर लोगो से इतराती।। उसको देखना आसान कहाँ था इसलिए छुप-छुप के देखा। #छुपकेदेखा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #munasif_e_mirza