White चेहरे कितने खौफज़दा हैं, कहीं जला दीपक है क्या? डूब रहे अभिशाप हैं सारे, कोई पुण्य उगा है क्या? मरण शाश्वत जन्म हुआ तो, जीवन फिर क्यों गढ़ा गया? मेरा अंतर्मन कहता है, मुझको ही क्यों छला गया? ©Shiv Narayan Saxena #sad_quotes मुझको ही क्यों छला गया? hindi poetry