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मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा चाहिए कि दान

मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा चाहिए 

कि दाना खाक में मिलकर, गुले-गुलजार होता है मर्तबा - इज़्ज़त,  ओहदा, पद
मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा चाहिए 

कि दाना खाक में मिलकर, गुले-गुलजार होता है मर्तबा - इज़्ज़त,  ओहदा, पद