तस्वीर को ध्यान से निहार रही थी एक दिन ऐसा लगता था कि कुछ बोल रही है वो मुझसे वो डूबता सूरज आंखों को शीतलता दे रहा था मानो वो मुझसे कहे बिना कहना चाहता था कि अस्त होने का मतलब नष्ट होना नहीं बल्कि उसी नये जोश के साथ दोबारा उदय होना है, और अस्त होते हुए भी हमें शीतलता देना है। सूर्यास्त