सूरज से सीखा, सुबह जगा और शाम को ढलता गया.. रास्तों से सीखा, नज़र उठाए दूर तलक बस चलता गया..। इतनी सादगी का क्या, उन्होंने पूछा के क्या मिला मुझे.. उन्हें कैसे समझाऊँ, उम्र के साथ सनम तजुर्बा बढ़ता गया..।। #tazurba #तज़ुर्बा #उम्र 1.तज़ुर्बा =experience..