तेरे घुंघरू कि आवाज,मन मे उमड़ा फिर से ख्वाब!हकीकत से बाज ना आओ ,आँख से आंख मिलाकर प्यार करो मन से,नजदीकी को मत समझो शाबाब!भोले दिल के हम भी है, तू भी कच्चा घड़ा,पापा कि प्रिय परी हो तुम,बेशक माँ के हम है नबाब!.. Mudit Tere ghunghru ki aavaj..