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कभी जो दिए हमने जलाए थे। उन्हें बुझाने का वक्त आ

कभी जो दिए हमने जलाए थे।
 उन्हें बुझाने का वक्त आ गया है।
मुझे यादें भी दर्द दे रही है अब।
 इश्क भुलाने का वक्त आ गया है।
 सोया मगर नींद मुकम्मल न हुई।
 नींद से जगाने का वक्त आ गया।
 बहुत सुने हैं लोगों के जुबान से  
मुझे कहानी सुनाने का वक्त आ गया है

©Zia Hasan #Thoughts  Arya  Dr ALPESH PATEL Pallavi Srivastava  Nikhil Ranjan Arun Goyal
कभी जो दिए हमने जलाए थे।
 उन्हें बुझाने का वक्त आ गया है।
मुझे यादें भी दर्द दे रही है अब।
 इश्क भुलाने का वक्त आ गया है।
 सोया मगर नींद मुकम्मल न हुई।
 नींद से जगाने का वक्त आ गया।
 बहुत सुने हैं लोगों के जुबान से  
मुझे कहानी सुनाने का वक्त आ गया है

©Zia Hasan #Thoughts  Arya  Dr ALPESH PATEL Pallavi Srivastava  Nikhil Ranjan Arun Goyal