कहानी एसी है जो मछली की बातें जाने, पुकार लो उस आवाज को जैसा लहरा ता पानी है। ऊपर नीचे नाचने वाली चंचल सा मन है उसका, चाहे नदी या समंदर हो इधर उधर घूमना शुरू हो जाती है। सबको पसंद आने वाली, हर को खेल से प्रभावित करके, बुलबुले से मनोरंजन करना मानप्रिया कार्य है। थोड़ा फरमाया करो, मछली को बुलाया करो। स्वागत है हर वो गोताखोर का जो रूबरू करने हमेशा आते जाते है।। ©TheCherish Scribe #Shayari #kahani #pantiya