बहुत हुई इम्तिहान सब्र की, अब हर गद्दार जलना चाहिए। देशद्रोही दोगलों का, जनाजा निकलना चाहिए। बहुत हुआ समझौता, अब तो खून उबलना चाहिए। देश के हर कौम से, फौजी निकलना चाहिए। कब तलक यूं मौन होकर, सेहते रहेंगे दर्द हम। शर्त कुछ भी हो मगर, ये मंज़र बदलना चाहिए। #nojoto#hindi#sad#anger#revenge#salute