बिखर जाओ कभी तो , समेट तुम लेना खुद को ही ! ज़ख्म दिखाया औरों को , पाओगे ठगा सा खुद को ही !! अपना दर्द बस अपना है , दूसरों के लिए तमाशा है ! समझ सकें जो हाल -ए- दिल , आईने में देख लेना खुद को ही !! जाके पाँव ना फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई ..... बस कुछ यूँ ही ख्याल !!!!