तेरा पल पल इन्तजार अब अच्छा नहीं लगता इस तरह रूठना मनाना मुझे अब अच्छा नहीं लगता बात बात पर गुस्सा हो जाती हो अब बताओ तुम हम कितना प्यार करे तुम से अब अच्छा नहीं लगता वक़्त बे वक़्त मेरे ख्वाबों में चली आती हो तुम नींद भी पूरा नहीं होता मेरा अब अच्छा नहीं लगता कभी रूबरू मिलने की बात करो तो रूठ जाती है प्यार में इठलाना जाने क्यूँ अब अच्छा नहीं लगता हर बार तेरा मुझसे दूर होना कुछ समझ नहीं आता डर डर के तुझसे प्यार करना अब अच्छा नहीं लगता तेरा पल पल इन्तजार अब अच्छा नहीं लगता इस तरह रूठना मनाना मुझे अब अच्छा नहीं लगता बात बात पर गुस्सा हो जाती हो अब बताओ तुम हम कितना प्यार करे तुम से अब अच्छा नहीं लगता वक़्त बे वक़्त मेरे ख्वाबों में चली आती हो तुम नींद भी पूरा नहीं होता मेरा अब अच्छा नहीं लगता